छत्तीसगढ़धर्मजयगढ़रायगढ़

छाल स्थित विदेशी मंदिरा दुकान में आबकारी विभाग का 5 घंटो तक चला निरक्षण देखिए विडिओ ….पढ़िए पूरी खबर….आखिर क्यों……

विनोद पटेल

रायगढ़ आबकारी अधिकारी डी. वो. मंजूश्री कशेर, उपनिरक्षक घरघोड़ा आशीष उप्पल की टीम के साथ घरघोड़ा व खरसिया दुकान के संचालको को भी बुलवाया गया।

कुछ माह पूर्व धरमजयगढ़ स्थित दुकान में खाली सीसी और सुजा मिलने पर हुई थी कार्यवाही पर यहाँ कुछ अलग ही कहानी….

धर्मजयगढ़ :- धर्मजयगढ़ तहसील का छाल स्थित विदेशी मंदिरा दुकान में शनिवार को शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक आबकारी टीम द्वारा बंद कमरे में किया निरक्षण। मौके पर पहुँची थी रायगढ़ आबकारी डी. वो. मंजूश्री कशेर जिसके बाद छाल संचालक द्वारा गड़बडी व अनियमत्ता पाए जाने पर मंजूश्री कशेर द्वारा तत्काल उपनिरक्षक घरघोड़ा आशीष उप्पल को टीम के साथ बुलवाया गया साथ ही घरघोड़ा और खरसिया से भी स्टॉफ बुलवाया गया।

आपको बतादे कि छाल विदेशी मंदिरा दुकान में लगातार अधिकारियों को आता देख व वंहा की वस्तुस्थिति बदेखते हुए जब लोगो का भीड़ बढ़ाना शुरू हुआ और जब बात मीडिया को पता चला तो आबकारी टीम द्वारा मीडिया को देखते हुए बंद कमरे में अपना जांच कार्यवाही करने लगे मीडिया द्वारा जानकारी पूछने पर मीडिया को कुछ भी बोलने को तैयार नही अधिकारी जिसके बाद मीडिया द्वारा रायगढ़ कलेक्टर भीमसेन को इसकी जानकारी दी गयी कि कोई भी कार्यवाही नही किया जा रहा है लापरवाही पायेजाने की बावजूद जिसपर कलेक्टर महोदय द्वारा लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही का आश्वासन दिया पर अबतक कोई जानकारी नही दी जा रही। चश्मदीद की माने तो छाल स्थित मंदिरा दुकान में खाली सीसी, बारकोड व सुजा पाया गया था साथ ही कुछ बोतलों का मिलान रजिस्टर में नही पाया गया था। जिसकी जानकारी फोन के माध्यम से लेना चाहा तो मैडम द्वारा किसी का फोन तक रिसीव करना नही पाया गया। जांच के दौर अधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा बोला गया कि सर यंहा के मंदिरा में पानी की मात्रा रहती है क्योंकि दूसरे दुकानों से 1 बोतल में खुराक हो जाता है पर यंहा 2 बोतल के बाद भी हम संतुष्ट नही होते। यंहा तक भी बोला गया कि 9:30 बजे के बाद हमसे बोतल के पीछे 100रुपये तक कि अधिक राशि ली जाती है पर उसपर भी आशीष उप्पल का ध्यान नही गया।

ध्यान देने वाला बात यंहा यह है कि कुछ माह पूर्व धर्मजयगढ़ स्थित मंदिरा दुकान में इसी तरह खाली सीसी व सुजा पाया गया था जिसपर आबकारी अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्यवाही किया गया था सभी स्टॉफ का सेवा समाप्त कर दिया गया था पर यंहा का नजारा ही कुछ और है इस तरह के भेद भाव को कोई भी समझ सकता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा यंहा। क्योकि जंहा अधिकारियों और संचालको का तालमेल अच्छा हो वंहा कुछ भी संभव है।

यंहा बंद कमरों का कानाफूसी का खेल क्षेत्र के लोग सिर्फ सुन रहे थे पूछने पर कोई जवाब तक देने वाला कोई नही था। अधिकारियों द्वारा पैसा के हिसाब में भी गड़बड़ी पाया गया तो संचालक द्वारा जवाब आया कि उधारी दिए है अब यंहा एक सवाल उठता है कि अगर सरकारी दुकान से मदिरा उधार मिलने लगे तो उसका राशि तत्काल संचालको को भरना चाहिए अपने जेब से साथ ही दुकान में पहले से ही भाड़ी संख्या में स्कैन किया हुआ रखा बोतल पाया गया आखिर इतना बोतल पहले से स्कैन करके रखना मतलब इसे संचालको द्वारा रात को कहि सप्लाई करने के लिए रखा गया था जो कि उनके मंसूबो में पानी फेर गया।

अधिकारियों के रवैये से इस निरक्षण को देखते हुए ग्रामीणों में संदेह होना शुरू हो गया है लोग तरह तरह की बाते करना शुरू कर दिए है। क्योंकि अधिकारी किसी को जवाब देना नही चाहते और इधर कोई कार्यवाही नही हुई जिससे स्पष्ट होता है कि निरक्षण के दौरान रात में जो फोन में वार्तालाप लगातार चली उसी का यह असर है। गोलमाल है भाई सब गोलमाल है। जांच कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

Back to top button