रमन सिंह का बड़ा बयान रायपुर में बोले- पैसे देकर पोस्टिंग हो रही, सब वसूली में लगे हैं इसलिए नहीं लग रहा अपराधों पर अंकुश

रायपुर के भाजपा कार्यालय में यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉ रमन ने यह बयान दिया। इन दिनों रमन सिंह इस तरह के बयानों की वजह से चर्चा में हैं।
भारतीय जनता पार्टी के रायपुर स्थित दफ्तर में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर दिया बयान
पार्टी के मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में शामिल हुए डॉ रमन, मौजूदा सरकार को घेरा
रायपुर में प्रदेश के पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने बघेल सरकार को विफल बताया है। उन्होंने कानून व्यवस्था से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश की सरकार को दो साल हो चुके हैं। सब ठेके में जा रहे हैं, जब कोई पोस्टिंग लेकर कॉन्ट्रेक्ट में जाता है, तो उसे लगता है कि मैं तो कॉन्ट्रेक्ट में आया हूं तो जितने दिन रहूंगा वसूली कर लेता हूं। इसलिए यहां जुआ, सट्टा जैसे अपराधों पर अंकुश नहीं लग रहा।
रमन सिंह ने कहा कि अब जो कुछ देकर आएगा वो खुद भी तो लेने का काम करेगा। डॉक्टर रमन सिंह ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों और भ्रष्ट सिस्टम की ओर इशारा कर यह बात कह रहे थे। वो शनिवार को भाजपा कार्यालय में मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने पहुंचे थे।
कार्यकर्ताओं को रीचार्ज करना शुरू
मीडिया से चर्चा के बाद सभी दिग्गज नेता प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। डॉक्टर रमन सिंह ने बताया कि रायपुर के उत्तर विधानसभा इलाके के मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही है। नए और पुराने लोगों को पार्टी के तौर तरीकों के बारे में जानकारी देना, केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देने का काम हम कर रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यसमिति और प्रदेश स्तर पर जो संगठन में फैसले हो रहे हैं उनके बारे में बता रहे हैं। जानकारों का मानना है कि पार्टी पर अपने कार्यकर्ता को इस तरह के आयोजनों के जरिए मिशन 2023 के लिए रीचार्ज कर रही है।
दे चुके हैं धमकी
डॉक्टर रमन के शनिवार को दिए बयान से पहले उन्होंने शुक्रवार को भी इसी तासीर का एक बयान दिया था। उन्होंने कवर्धा में कहा था कि अधिकारियों को गिने-चुने दिन ही रहना है। उन्हें इतने तलवे चाटने की जरूरत नहीं है। जबरदस्ती इतना स्वामिभक्त मत बनो। वक्त बदलता है। सरकार के दो साल बीत गए हैं। तीन साल बाद हिसाब-किताब करने हम भी आएंगे। इसलिए ज्यादा गर्मी न दिखाएं। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कवर्धा के स्थानीय प्रशासन पर भड़के हुए थे। क्योंकि भाजपा के एक कार्यक्रम की अनुमति देने के बाद अधिकारियों ने इसे रद्द कर कार्यक्रम स्थल बदलने को कह दिया था।