सारंगढ़ गाँवों में कोरोना का कहर,लोगों को नहीं मिल रहा उप स्वास्थ्य केन्द्रों का लाभ,आखिर क्या कहते है BMO पढ़िए पूरी खबर……

बीएमओ साहब एक नजर ध्यान दे आपके इस स्वास्थ केन्द्र में नहीं मिल पा रहा है लोगों को जचकी की सुविधा
एनएम की नियुक्ति तो सिर्फ कागजों के दम पर तो अमलीडिपा कर दिया गया लेकिन बीएमओ ने उन्हें दूसरे स्वास्थ केंद्र में कर दिया अटैच ।
सारंगढ़ 30 म ई 2021 । ताजा मामला सारंगढ़ ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अमलीडिपा का है ,गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र ताे खोले गए हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए जिला स्तर पर अस्पताल में जाना पड़ रहा है। इससे लोग परेशान हैं।
उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कहने को तो यहां 24 घंटे एएनएम और इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन क्या करे यहां एएन एम ही नहीं है, तो ग्रामीणों महिलाओं को सुविधा कहा से उपलब्ध होगा आप स्वयं जान सकते हैं कि बिना एएन एम के केसे इस hwc में कैसे जच्की का कार्य होगा ,एक तरफ़ शासन प्रशासन लाखो रुपए खर्च करके (HWC)उप स्वास्थ्य केन्द्र बनवाया जाता है ,लेकिन उसका फायदा लोगो को नहीं मिल पा रहा हैं , स्वास्थ्य केन्द्र का भवन तो निर्माण हो गया है लेकिन भवन के अंदर एक भी बेड मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है, आप खुद सोच सकते हैं कि , यहां जचकी सुविधा कैसे लोगो को मिल सकेगा । इसके जिम्मेदार अधिकारी को भी ध्यान नहीं रहता है कि कहा क्या चाहिए क्या नही ,
कुछ लोगों ने नाम न बताने के शर्त में बताए अनुसार यहां के लिए एक एएनएम का नियुक्ति किया गया था। लेकिन आज तक वो यहां नहीं आयी हैं ।आखिरकार क्या है कारण?
हम आपको बता दे कि महिलाओं को इलाज जचकी कराने के लिए यहां से लगभग 12 से 15 किमी दूर जाना पड़ रहा है , ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र एएनएम महिला कार्यकर्ता नहीं है, जिससे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है।
अभी कुछ दिन पहले CHO की पोस्टिंग हुई है तब से लोगो को कुछ राहत मिली है ,और उनके द्वारा बीपी, सुगर, गर्भवती महिला आदि का ईलाज,दवा उनके द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है ।
सारंगढ़ क्षेत्र के अमलीडिपा में hwc उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि एएनएम महिला कार्यकर्ता नहीं है। आरएचओ पुरुष कार्यकर्ता टीकाकरण करने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों पर रहते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तो हो जाते हैं लेकिन जचकी के दिनों में इलाज नहीं मिल पाता है। जो कि जज्की के लिए हमे 10 -15 किमी दूर गोडम , टिमरलगा,सारंगढ़ इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है।जबकि गांव में ही स्वास्थ्य केंद है और
अमलीडिपा में बना HWC उपस्वास्थ्य केंद्र तो बन गया लेकिन जज्की कराने के लिए समान नहीं न महिला एं एन एम नहीं ?
ग्रामीण बोले- हमारे गांव के स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है,
ग्रामीणों ने बताया कि यहां एएनएम कार्यकर्ता नहीं होने के कारण। जिससे प्रसुताओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण ही हो पा रहा है वो भी RHO (F) टीकाकरण करता है । । जचकी नहीं होने से क्षेत्र में लोगों के ऊपर उन पर आर्थिक समस्या भी झेलना पड़ रहा है । गांव में ही स्वास्थ केंद्र होने के बाद भी उन्हें दूसरे जगह लेकर जाना पड़ रहा है ।ये सोचनीय बात है ।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2012 से उप स्वास्थ केंद्र बना ह लेकिन आज तक एक भी जचकि इस स्वास्थ केंद्र में नहीं किया गया है ।
हेंड ओवर तो हो गया लेकिन आज तक उसमे कोई व्यवस्था नहीं आखिरकार किसकी जिम्मेदारी है ,
जब इसकी जानकारी लेने के लिए हमारे प्रतिनिधि के द्वारा बीएमओ सारंगढ़ से संपर्क किया तो उनके द्वारा बताया गया कि अमलीडिपा स्वास्थ्य केंद्र दो सिस्टर है, लेकिन मैने एक सिस्टर को कोसीर में अटैच कर दिया है,क्योंकि वहा कोई सिस्टर नहीं थे,तो वहा कर दिया ।वही बीएमओ साहब ने यह भी कहा कि मंगल भवन में 150 बिस्तर का है ,तो कोन सम्हाले गा ।भाई खोलवा तो दिया है। शासन प्रशाशन ने लेकिन मेन पॉवर तो दिया नहीं है ,हमें हमारे स्टाफ 24 घंटे काम कर रहे हैं , टीक ह वहा कमी है तो हम पूरा करेगे ,शाशन प्रशाशन जहा काम ह वहा करा रहा है ,उन्होंने यह भी कहा कि हमें तो सब कुछ मालूम है,हम जान रहे हैं ,टीक है , करेगे न व्यवस्था , सुधार करेगे ।