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सारंगढ़ बरमकेला क्षेत्र में पाखंड चावल का धडल्ले से उचित मूल्य दुकानों में वितरण….।

बरमकेला 27 अप्रैल 2021 । कोरोना वायरस का कहर विगत वर्ष से भी भयंकर रूप धारण कर चुका है लेकिन खाद्य विभाग के लापरवाही बरतने वाले कुछ चुनिंदा और स्वयं सहायता समूह के मिली भगत से गरीबों के निवाला के साथ भी इन्साफ न कर राइस मिलरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

आइये जानते हैं क्या है मामला…

बात कर रहे हैं गरीबों को शासन द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है उसमें घोर लापरवाही बरती जा रही है जो पिछले दिनों से अखबारों की सुर्खियों में रहने के बाद भी सारंगढ़ बरमकेला क्षेत्र में पाखड़ चावल का झोलझाल किया जा रहा है और इसी तारतम्य में आज बरमकेला क्षेत्र के शासकीय उचित मूल्य दुकान ग्राम पंचायत गोबरसिन्हा के सामने एक ट्रक खड़ी थी जिसमें से कुछ लोग चावल खाली कर रहे थे वहां पहुंचकर देखा गया तो विगत माह की तरह पाखड़ चावल फिर से भेजा गया है जिससे साफ जाहिर होता है कि खाद्यान्न के नाम पर पिछले महीने से पाखड़ चावल को भेजा जा रहा है जबकि इसके विरोध में पिछले महीने सारंगढ़ जनपद के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) को भी शिकायत किया जा चुका है और उन्होंने आश्वस्त किया था लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं हुई है? यदि समय रहते अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही किया गया होता तो आज इसकी पुनरावृत्ति नहीं होती? आखिर प्रदेश की गरीबों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है? क्या इस खेल को जानबूझकर खेला जा रहा है तो आखिर इन्हें किसका आशीर्वाद प्राप्त है?

खाद्य निरीक्षक का कथन…

इस मामले में जब खाद्य निरीक्षक तरुण नायक से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मैंने समूह के विक्रेता को स्पष्ट करते हुए कहा है कि खराब चावल को नहीं लेना है और यदि खराब चावल आता है तो उसे वापस कर साफ और अच्छी चावल लेना है और उन्होंने कहा कि मेरा तबीयत बिगड़ी हुई है वर्ना मैं स्वयं जाकर चावल को अच्छी तरह से साफ सुथरा भेजने को कहता।

शासकीय उचित मूल्य दुकान के विक्रेता का कथन…

जब हमने अपने ग्राम पंचायत के लिए खाद्यान्न लेने की सूचना फोन पर ठेकेदार सलीम अहमद खान द्वारा दी जाने पर मै बरमकेला गया था और वहां पहुंचकर देखा तो पूरा का पूरा चावल का जखीरा पाखड़ चावल से सराबोर मिला तो हमने अपने ग्राम पंचायत के कोटा का चावल एक ट्रक में लोड किया जा रहा था तो हमने रोककर देखा और पूरे गोदाम को देखा तो पाया कि पूरा गोदाम पर पाखड़ चावल ही भरा हुआ था ।

आईये जानते हैं कौन कौन से राइस मिल से आ रहे हैं चावल।

वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले महीने से श्री बालाजी राइस मिल बुदेली, लक्ष्मी ट्रेडर्स देवगांव, जय भवानी राइस मिल बोंदा और कई राइस मिलों से भेजा गया है चावल और चावल बोरियों पर राइस मिलों के नाम का टैग भी लगा हुआ है। बहरहाल अब यह जानना लाजिमी होगा कि विगत माह से पाखड़ चावल मामले में राइस मिलरों के साथ साथ खाद्य विभाग की मिलीभगत से ही इतना बड़ा झोलझाल रूपी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है क्या इस मामले को गंभीरता से विचार कर जांच कर कार्यवाही किया जायेगा या अन्य मामलों की तरह पाखड़ चावल मामले को भी ठंडे बस्ते डाल दिया जाता है यह भविष्य के गर्भ में है?

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