Uncategorizedसारंगढ़

सारंगढ़ के इस पंचायत मे नाली तालाब सफाई के नाम से प्रशासनिक पैसों का सफाया..!
सरपंच-सचिव को जनपद पँचायत अधिकारियों का अभयदान…..

सारंगढ़

छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 49 के अंतर्गत बने प्रावधान अनुसार ग्राम पंचायतों को मूलभूत कार्यो के संपादित करने का दायित्व सौंपा गया है। राज्य शासन द्वारा द्वितीय छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा को मान्य करते हुए राज्य के स्वयं के शुद्ध कर राजस्व का 6.15 हिस्सा ग्राम पंचायतों के मध्य उनकी जनसंख्या वर्ष 2011 अनुसार वितरण करने का प्रावधान किया गया है। इसमें से प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र की 5050 ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष राशि रुपये 2.00 लाख प्रदाय करने का प्रावधान है।

नल जल योजनास्पाट सोर्सहैण्ड पंपों के सुधार व्यवस्था एवं बिजली के बिल का भुगतान, गाव गंगा योजना के अन्तर्गत खोदे गये टयूब वेल में पंपों की स्थापना तथा पेयजल टंकी का निर्माणविधुत बिलों का भुगतान, ग्राम में स्थापित हैण्ड पंप के निकट नालीहौदी का निर्माण, जरुरत मंद व्यकितयों के लिये उचित मात्रा में नि:शुल्क खाधान्न की व्यवस्था इसके अन्तर्गत यह सुनिशिचत किया जावें कि प्रत्येक ग्राम में कम से कम एक किंवटल चावल सदैव उपलब्ध रहेंं, सड़क बत्ती के बिजली बिल की राशि का भुगतान किया जा सके।
ऐसे ऐसे महत्वपूर्ण उदेश्यों के साथ संचालित योजना कैसे दम तोड़ती है इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत खैरा छोटे में मिलता है।

6 माह में नाली तालाब की सफाई के भुगतान के नाम से निकाले 224600 रुपये-

मई 2020 से दिसम्बर 2020 के मध्य सांसद ग्राम खैरा में सरपँच -सचिव ने मिलकर तालाब की सफाई और नाली की सफाई के नाम से लाखों रुपये आहरण कर आपस मे बंदरबाट कर लिए है ऐसा ग्रामीणों का आरोप है। जब इस बाबत जानकारी ली गयी तो 07 -05-2020 को तलाब मेड़ की सफाई के नाम से 41950 रुपये, 23-05-2020 को सरपंच-सचिव द्वारा 92650 रुपये नाली ,गली एवं तलाब की सफाई के नाम से निकाला गया है, पुनः 23-05-2020 को सफाई में ट्रेक्टर का उपयोग किये कहकर 20000 रुपये जनरेट किया गया। उपरोक्त राशि साशन की 14 वें वित्त की प्राप्त राशि से निकाला गया है।

छोटे- खैरा के सरपँच-सचिव इतने सफाई प्रेमी हैं कि उक्त राशि निकालने के महज 6 माह के अंदर उन्हें प्रतीत हुआ कि हमारा तलाब और नाली ठीक से सफाई नही हुवा तब उन्होंने पुनः 15वें वित्त की राशि आते ही नाली की सफाई हेतु 25 दिसम्बर क्रिसमस के दिन 49000 रुपये तथा ट्रेक्टर के किराया के नाम से 25-12-2020 को निकाल लिया गया।

महज 2 से 3 मजदूर से कराया है सिर्फ घाट की सफाई-

जब स्वक्षता प्रेमी सचिव-सरपंच की जानकारी और सत्य स्तिथि जानने के लिए उक्त पँचायत जाकर पता किया गया तो ग्रामीणों ने बताया कि लक्ष्मण तालाब के घाट के पास को सरपँच-सचिव द्वारा सिर्फ 2-3 मजदूर लगाकर साफ कराया गया है वो भी यह कहकर की स्वयं से करा रहा हूँ कहकर। नाली गली की सफाई भी दिखाने भर के लिए 2- 4 मजदूरों से कराई गई है कई गलियों और नालियों का तो सफाई से दूर-तक वास्ता नही है है।

जनपद स्तर से संरक्षण प्राप्त..!

कहा जाता है जब उच्चाधिकारियों का और नेताओं का संरक्षण प्राप्त हो तो आज के जमाने मे किसी का कुछ नही होता,सरकारी पैसा ही तो है कौन सा तुम्हारे घर का सरपँच खा रहा है और तुम क्यों समाजसेवी बने पड़े हो? कौन से पँचायत में ऐसा नही होता? लाखों चुनाव में खर्च किया है कहाँ से वापसी करेगी बेचारी? ऐसे अनर्गल तथ्यों के बीच हम ये सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या सच मे जनपद स्तर पर सरपँच सचिव को संरक्षण प्राप्त है..! क्या उच्चाधिकारियों को सब पता रहता है और ये राशि निकालने से पहले ही उन्हें कमीशन की भेंट चढ़ाई जाती है,जब प्रसाद पहले चढ़ गया है तो फिर डर काहे का, क्योंकि अंत मे तो जांच-अधिकारी भी जनपद स्तर से ही जाएंगे। इसलिए छोटे खैरा के सरपँच-सचिव बेधड़क राशि निकलने और उनके दुरुपयोग में लगे हैं।

जनपद सीईओ बैनर्जी नही उठाते फोन..!
जनपद सीईओ बैनर्जी फोन रिसीव करना भी उचित नही समझते और जब कोई फरियादी या शिकायतकर्ता उनके ऑफिस में जाता है तो साहब कार्यवाही करना तो दूर शिकायत को सुनने में भी ना-नुकुर करते हैं। जिनके इस रवैये से एक गाने की याद आती है-गोल माल है भाई सब गोल माल है।
फिलहाल-खबर प्रकाशन के पश्चात भी अगर जनपद स्तर से कार्यवाही नही होता है तो मजबूरन उच्च स्तर पर शिकायत करने की बात ग्रामीणों द्वारा कही जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button