भूमाफिया की कारस्तानी से हो गया आदिवासी की करोड़ो की जमीन का लाखो में लेन देन

विनोद पटेल
धरमजयगढ़ में आदिवासी जमीन सामान्य ब्यक्ति के नाम कैसे हो गयी रजिस्ट्री
प्रशासन जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ करे,कानूनी कार्यवाही
धरमजयगढ़! उपपंजीयक कार्यालय धरमजयगढ़ में पूर्वजो की आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी जमीन बना कर खरीदी बिक्री का कार्य जोरो पर चल रहा है, आपको को बता दे की धरमजयगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम मुन्नुन्द की आदिवासी जमीन में यह खेल हुआ है, हाल ही में फरवरी माह में ग्राम पंचायत मुन्नुन्द की आदिवासी भूमि में उप पंजीयक कार्यालय धरमजयगढ़ में दिनांक 08/02/2021 को समय 03:09:44 PM टोकन नंबर -10 जमीन ग्राम मुन्नुन्द आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी जमीन बना कर खरीदी बिक्री किया गया जिसका जमीन का शासकीय रिकार्ड भुइयां में दर्ज खसरा नंबर 1.( 1604/2 कुल रकबा हे. 0.526 हे. सौदा रकबा 0.526 हे. 2. 1607 कुल रकबा हे. 0.308 हे. सौदा रकबा 0.308 हे. 3. 1609/1/ख कुल रकबा हे. 0.138 हे. सौदा रकबा 0.138 हे. 4. 1609/4 कुल रकबा हे. 0.607 हे. सौदा रकबा 0.607 हे. 5. 1613/3 कुल रकबा हे. 0.271 हे. सौदा रकबा 0.271 हे. है जिसमे कुल खसरा नंबर 5 कुल रकबा 1.850 है ।

जोकि वास्तव में आदिवासी की भूमि है जो भूमि मु.जहाज पिता तेजराम पता ग्राम छपोरा, तहसील पुसौर, जिला रायगढ़ (छ.ग.), दीनबंधु पिता तेजराम पता चन्द्रशेखरपुर तहसील धरमजयगढ़ जिला रायगढ़ (छ.ग.) इन्होंने लगभग 60 साल पूर्व जिला कलेक्टर से अनुमति लेकर आदिवासी से जमीन खरीदने की बात बोल रहे है,लेकिन धरमजयगढ़ उप पंजीयक के समक्ष इस जमीन को बेचने एवं रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रस्तुत किये गए दस्तावेज में 60 वर्ष पूर्व ली गयी कलेक्टर की अनुमति के दस्तावेज को प्रस्तुत नही किया गया है।

इन भूमि विक्रेताओं ने श्रीमती ममता अग्रवाल/पति सजन अग्रवाल पता ग्राम व थाना छाल, दोनों पक्षों द्वारा जानबूझकर पूर्वजो की आदिवासी जमीन को गैर आदिवासी जमीन बना कर आपसी सौदा 27,45,000 सत्ताइस लाख पैतालीस हजार में खरीदी बिक्री किया गया है,आपको बता दे की सन 1930-1954-1955 के शासकीय रिकार्ड में उक्त भूमि को आदिवासी के नाम पर जमीन दिखा रहा है,तो यहाँ सवाल यह उठता है,की आदिवासी की जमीन सामान्य कैसे हो गयी क्योकि भूमि विक्रेताओ ने कलेक्टर की परमिशन के बाद उक्त जमीन आदिवासी से सामान्य करवाया तो उस परमिशन आदेश की प्रति अभी रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन फाइल क्यो नही लगाया गया है।
