दूसरे पंचायत के वीडियो को छर्रा पंचायत के नाम पर यूट्यूब पे डालकर सरपंच को कर दिया बदनाम

सारंगढ:- पत्रकार लोकतंत्र के चौथे यानी चतुर्थ स्तम्भ माने जाते है चौथा खंभा पत्रकारिता, प्रेस और समाचार को कहा जाता है। चौथी खंभा शब्द वकालत की स्पष्ट क्षमता और राजनीतिक मुद्दों को तैयार करने की निहित क्षमता दोनों में प्रेस और समाचार मीडिया है। लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ में वही पत्रकार निहित है जो जनता के बीच जनसरोकार की मूलभूत सुविधाओं को छोटी बड़ी समस्याओं को खबर के माध्यम से सरकार तक पहुचाना जनहित के मुद्दों को उजागर करना ये आते है चौथे स्तम्भ की खम्भे के अंतगर्त। पत्रकारिता के नाम को बदनाम करने वालो को प्राथमिकता नही दिया गया है।
ऐसे एक वसूली बाज और भ्रामक खबर छापकर सरपँच को मिलने की समय देता है वही सरपँच द्वारा न मिलने की बात कही तो दूसरे पंचायत की मनरेगा की वीडियो को दूसरे पंचायत के नाम पर यूट्यूब पर वीडियो चलाकर सरपँच को बदनाम करने के साथ ही साथ पंचायत को बदनाम करने की काम किया है। ये भ्रामक खबर चलाने वाले फर्जी पत्रकार की जानकारी सरपँच को कॉल किया गया नम्बर पर सेव हुए परिचय पत्र से हुई। मामला सारंगढ क्षेत्र के ग्राम पंचायत छर्रा के सरपँच श्रीमती पिंकी बंजारे के प्रतिनिधि ने बताया कि 10 बजे के आस पास समारू जोल्हे अपने आप को पत्रकार बताकर 3-4 बार कॉल करके बुलाया जब मैं नही जाऊंगा कहकर कॉल काट दिया तो घौठला छोटे पंचायत की वीडियो को हमारे ग्राम पंचायत के नाम पर वीडियो बनाकर यूट्यूब में डालकर बदनाम कर रहे है जबकि मेरे पंचायत में कुछ गलत तरीके का काम नही हो रहा है। आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्रो पर जोर दे रही है जबकि कोविड़ 19 के भयावह स्थिति ने पूरा देश को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में समारू जोल्हे नामक व्यक्ति ने उटपटांग वीडियो बनाकर ग्राम पंचायत छर्रा के नाम सहित सरपँच को पूरा बदनाम करने की रडार पर ला रखा है।

भ्रामक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर खबर चलाने वाले की सच्चाई
ग्राम पंचायत छर्रा के सरपँच के पास कॉल किया गया नम्बर को जब थ्रू कॉलर के माध्यम से देखा गया तो समारू जोल्हे के नाम से एक परिचय पत्र सेव किया हुआ दिखा जसमे सी जी न्यूज नेटवर्क के नाम से परिचय पत्र लोड किया गया है। वही उसके निवास स्थान तक जाकर पता किया गया तो एक महीना पहले सरपँच के द्वारा 112 की पुलिस टीम को सूचना दिया गया कि अपने घर मे बाहर से लड़की को लाकर रखा गया है। जिसकी सनसनी जानकारी गांव में हवा की तरह फैल गया और गांव के बीच चौराहों में बाहर की लड़की लाकर रखा गया की जानकारी हो हल्ला हुआ पुलिस टीम जैसे पहुची तो जोहार छत्तीसगढ़ अखबार के प्रतिनिधि दिनेश जोल्हे और मुकेश जोल्हे को सूचना दिया गया जहाँ तत्काल पहुचकर पुलिस टीम और सरपँच ,ग्रामीणों के समक्ष उनका वीडियो और फ़ोटो लिया गया जो आज तक सुरक्षित रखा गया है। वही ग्रामीणों के जुबानी से पता चला कि समारू नामक व्यक्ति बस खलासी,कंडक्टरी करते थे जो आज अपने आप को पत्रकार समझ रहा है। अगर ऐसे स्थिति रहा तो पत्रकारिता के नाम को खराब करने में ऐसे लोग कोई कसर नही छोड़ेंगे। सारंगढ प्रेस क्लब को भी विशेष ध्यान देना चाहिए क्या इस तरह के व्यक्ति की श्रेणी पत्रकारिता के शब्द को समझ पाएंगे या नही। श्रेणी को समझ नही पाए तभी भ्रामक वीडियो को यूट्यूब पर खबर बनाकर डलवाया गया जबकि पत्रकारिता की शब्द ही बेमिशाल है जिसको बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। ऐसे व्यक्ति के ऊपर शासन प्रशासन को तत्काल एक्शन लेना चाहिए।
क्या कहते है ग्राम पंचायत के सरपँच प्रतिनिधि
ऐसे भ्रामक वीडियो को हमारे पंचायत की नाम से यूट्यूब में डालकर शेयर करके पूरे पंचायत को बदनाम कर रहे है जिसकी मैं सूचना रिपोर्ट कल सारंगढ थाने में दूंगा।
क्या कहते है सारंगढ प्रेस क्लब के अध्यक्ष-दीपक थवाईत
पत्रकारिता सम्बंधि कार्यो के लिए जाते है या भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास करते है वहा तक सही है और इश्का दुरुपयोग करके अगर किसी को ब्लैकमेलिंग करते है तो ये बहुत गलत है। इस तरह अगर कोई करता है तो उसके ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि इससे पत्रकारिता बदनाम होती है।